स्वाध्याय भवन :- स्वाध्यायः परमं तपः ।

इस पंचमकाल में तीर्थंकरो के विरह को भी जो भुला दे, ऐसी तीर्थंकरों की साक्षात् वाणी, जिनवाणी के स्वाध्याय हेतु श्री कुन्दकुन्द कहान स्वाध्याय भवन का निर्माण किया गया है, जिसका क्षेत्रफल 10,000 वर्गफूट है । इसमें 2000 स्वाध्यायी साधर्मी जिनवाणी का श्रवण-पठन कर सकते हैं। आधुनिक तकनीक से निर्मित हॉल में प्रथमानुयोग के सुन्दर चित्र, रत्न जड़ित जिनवाणी और महान जिनशासन के रहस्य को उद्घाटित करने वाले आचार्यों, महापुरुषों एवं हमारे लिए प्रेरणास्त्रोत विद्वतजनों के चित्र देखकर साधर्मियों के रोम-रोम पुलकित हो जाते हैं । यही स्वाध्याय - भवन की अदभूत शोभा है ।


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